Krishna Janmashtami 2019 : जानिए-शुभ मुहूर्त और पूजा करने की विधि
हिंदू पंचांग के अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी या
भगवान श्रीकृष्ण की जयंती भद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि (आठवें
दिन) को मनाई जाती है। ज्योतिषों के अनुसार, कहा जाता है
कि इस दिन सृष्टि के पालनहार श्री हरि विष्णु ने श्रीकृष्ण के रूप में
आठवां अवतार लिया था। भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र
में मध्यरात्रि को भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। अष्टमी को ही यह पर्व मनाया
जाता है, यदि रोहिणी का संयोग मिल जाय तो और शुभ है।
इस दिन
कृष्णजी के भक्त सारा दिन श्रद्धा पूर्वक व्रत रखकर कृष्ण जन्म के बाद अपना
व्रत खोलते हैं। इस दिन मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहता है। इस वर्ष
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 23 और 24 अगस्त दिन शुक्रवार/शनिवार को मनाई जाएगी।
कृष्ण जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त...
पूजा का शुभ मुहूर्त- दोपहर 12 बजे से रात 12 बजकर 47 मिनट तक
पारण- 24 अगस्त को प्रातः 06 बजे तक
व्रत की विधि...
यह व्रत अष्टमी तिथि को शुरू होता है।
प्रातःस्नान इत्यादि के बाद घर के मंदिर को साफ सुथरा करके बाल कृष्ण लड्डू
गोपाल जी की मूर्ति मंदिर में रखे। माता देवकी संग मूर्ति भी रखें। देवकी,
वासुदेव, बलदेव, नंद, यशोदा जी का चित्र लगाएं एकदम वैसा ही जैसे उस समय
भगवान का जन्म हुआ था। अब सबकी विधिवत पूजा करें। रात्रि 12 बजे भगवान का
जन्म कराएं। भगवान के गीत गाये। भगवान बाल कृष्ण पर पुष्प बरसाते रहें।
कृष्ण को पहले गंगा जल से स्नान कराके सुंदर नवीन वस्त्र पहनाएं। भगवान
कीर्तन तथा नृत्य से प्रसन्न होते हैं। 12 बजे जन्म कराके प्रसाद का वितरण
करें।
व्रत खोलने का समय...
दिनांक 25 अगस्त को प्रातः 06 बजे तक व्रत अवश्य कर लें।
इस
महाव्रत के दिन भगवान कृष्ण से अपने मन की मुरादें मांग सकते हैं। इस दिन
श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ अवश्य करें। श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारे हे
नाथ नारायण वासुदेवा। इस सुंदर भजन को गाए।
# जानें किस राशि की लडकी का दिल जितना है आसान!