क्योंकि करवा चौथ है महिलाओं के स्पेशल डे
महिलाएं दिनभर निर्जला उपवास रखती हैं और चंद्रोदय के बाद भोजन-जल ग्रहण करती हैं। करवे में पकवान भरे जाते हैं या पताशे रखे जाते हैं और उन्हें दान में दिया जाता है। कई स्थानों पर चावल से बने व्यंजन भी रखे जाते हैं। इसी दिन शाकप्रस्थपुर के वेदधर्मा ब्राहमण की विवाहिता पुत्री वीरवती की कथा सुनाई जाती है, जिसने यह व्रत किया था और पुन: अपने पति को प्राप्त किया था।