-provides-relief-from-back-pain-and-is-effective-in-making-the-spine-and-shoulders-more-flexible-1-29400-aps-janu-sirsasana.jpg)
पीठ दर्द में आराम देता है जानुशीर्षासन, रीढ़ और कंधों को भी लचीला बनाने में कारगर
नई दिल्ली । भागदौड़ भरी जीवनशैली में ज्यादातर लोग तनाव और स्वास्थ्य
संबंधी बीमारियों से जूझ रहा है। ऐसे में योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को
मजबूत बनाता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है। इसी कड़ी में जानुशीर्षासन तनाव कम करने के साथ शरीर को लचीला भी बनाता है।
जानुशीर्षासन
संस्कृत शब्द है, जिसमें जानु का मतलब घुटना और शीर्ष का अर्थ सिर है। यह
बैठकर किया जाने वाला योगासन है, जिसको करने के दौरान सिर को घुटने से
लगाना होता है। यह हर कोई कर सकता है, लेकिन पीठ दर्द या गर्भवती महिलाओं
को सावधानी बरतनी चाहिए।
आयुष मंत्रालय के अनुसार, जानुशीर्षासन को
दंडासन में बैठकर, एक पैर मोड़कर, एड़ी को पेरिनियम के पास रखते हुए आगे
झुककर और सिर को घुटने से छूने की कोशिश करते हुए किया जाता है, जो शरीर को
लचीला और मन को शांत करता है।
यह एक प्रभावी योगासन है, जो तनाव कम
करता है। रीढ़ और हैमस्ट्रिंग में खिंचाव लाता है, पाचन को सुधारता है और
मानसिक शांति प्रदान करता है।
आयुर्वेद के अनुसार यह रीढ़, कंधे, कूल्हों और जांघों को लचीला व मजबूत बनाता है। साथ ही पीठ दर्द में आराम देता है।
इसको
करने के लिए दंडासन की मुद्रा में बैठ जाएं। इसके बाद दोनों पैर आगे
फैलाकर, रीढ़ सीधी रखें और दाहिने पैर को मोड़ें और एड़ी को बाएं जांघ के
अंदर रखें। अब सांस छोड़ते हुए आगे झुकें। बाएं पैर की उंगलियों को पकड़ने
की कोशिश करें और सिर को बाएं घुटने की ओर लाएं। अब इस मुद्रा में अपनी
क्षमता के अनुसार रुकें और गहरी सांस लें। फिर यही दूसरी तरफ दोहराएं।
शुरुआत में जानुशीर्षासन करने के लिए स्ट्रैप या तकिए का सहारा ले सकते
हैं।
शुरुआत में इसको किसी योग विशेषज्ञ की सलाह पर ही करें और इस बात
का विशेष ध्यान रहे कि अगर आपकी हाल ही में कोई सर्जरी हुई है या फिर आप
किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, तो आप इसको करने से थोड़ा परहेज करें या
फिर करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
--आईएएनएस
#आसान Totka अपनाएं अपार धन-दौलत पाएं...






