आपकी कुंडली का पितृदोष बनते काम तो नहीं बिगाड रहा?
यदि जन्मकुंडली में अष्टमेश पंचम भाव में तथा पंचमेश अष्टम भाव में
स्थित हो तथा चतुर्थेश षष्ठ भाव में स्थित हो तो व्यक्ति मातृश्राप से
पीडित रहता है।
यदि जन्मकुंडली में चन्द्रमा-राहु का नक्षत्रीय परिवर्तन योग बन
रहा हो तथा चन्द्रमा अन्य क्रूर ग्रहों के प्रभाव में हो तो व्यक्ति कुल
की अतृप्त आत्माओं का शिकार होता है।
कोई व्यक्ति पितृदोष से ग्रसित है या नहीं, इसका पता कैसे लगाया
जा सकता है? आपकी जन्मकुंडली देखकर ये स्पष्ट रूप से बताया जा सकता है कि
आप पितृदोष के दुष्प्रभाव में है अथवा नहीं।