क्या सही है पुरूष सहकर्मी से फ्रेंक होना
एक-एक कदम संभल कर रखें यह देखा गया है कि कुछ महिलाएं पहले तो पुरूषों के की मीठी-मीठी बातों फंस जाती हैं और बाद में आंसू बहाती हैं लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। हालांकि यह सही है कि पुरूष प्रधान समाज में महिलाओं को आगे बढने के लिये कुछ समझौते करने पडते हैं और सब से मोल-जोल बनाकर चलना पडता है लेकिन इन समझौतों एवं मेल-जोल के दूरगामी परिणाम हमेशा अच्छे नहीं होते हैं। जब भी आपको लगे कि आपके साथ कुछ अनुचित हो रहा है, आपको बहलाया-फुसलाया जा रहा है तो आप तत्काल संभल जायें. कामकाजी महिलाओं को अपनी आर्थिक, पारिवारिक एवं सामाजिक सीमाओं को पहचान कर तथा उनके अंदर रहकर ही व्यवहार करना चाहिये।