जानिये:सावन में पूजा और महत्व के बारे में...

जानिये:सावन में पूजा और महत्व के बारे में...

शक्ति का पूजन
शक्ति के पूजन के बिना शिव की अर्चना कभी भी पूर्ण नहीं होती। शक्ति प्रकृति तथा शिव परमपुरूष हैं। इन दोनों के सम्मिलन से ही सृष्टि का निर्माण हुआ है। इसीलिए सावन के मंगलवार को मंगला गौरी की पूजा करके विवाहिता महिलाएं व्रत रखती हैं। वैसे नवविवाहिताओं के लिए पांच वर्षों तक यह उपवास रखने की परंपरा है।
विवाह के बाद पहले सावन में महिलाएं मायके में अपनी पहला व्रत रखती हैं। बाद में चार सालों में वे ससुराल में रहकर सावन के प्रत्येक मंगलवार को मंगला गौरी के पूजन के साथ यह व्रत रखती हैं। इस व्रत के प्रताप से महिला के जीवन में सदा आनंद-मंगल रहता है।

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