जानिये: मोहर्रम में ताजिया के महत्व को
ताजियों में कहीं दुलदुल, बुराक, अलम, अखाडे, मेहंदी और मानव शेर भी बनाए जाते हैं। अलम हरे बडे झंडे या अखाडे तो मोहर्रम के हर जुलूस में होते हैं लेकिन मानव शेर का विशेष आकर्षण होता है। मानव शेर बहुत छोटे बच्चों से लेकर हर उम्र के मर्द बनते हैं।इस्लाम में हजरत अली को शेरे-खुदा की उपाधि दी गई थी। उन्हें असदुल्लाह भी कहा जाता था।