जानिएं: महाशिवरात्रि के महत्व के बारे में...

जानिएं: महाशिवरात्रि के महत्व के बारे में...

शिवरात्रि पर सच्चा उपवास यही है कि हम परमात्मा शिव से बुद्ध‍ि योग लगाकर उनके समीप रहे. उपवास का अर्थ ही है समीप रहना. जागरण का सच्चा अर्थ भी काम, क्रोध आदि पांच विकारों के वशीभूत होकर अज्ञान रूपी कुम्भकरण की निद्रा में सो जाने से स्वयं को सदा बचाए रखना है.

श्रावण मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। कहते हैं कि समुद्र मंथन के दौरान निकले कालकूट जहर को भगवान शिव शंकर ने कंठ में धारण कर लिया और शिव शंकर का कंठ नीला पड़ गया था। इस वजह से शिव शंकर का नाम नीलकंठ पड़ा। यह दिन श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी का दिवस था।इस त्योहार में श्रद्धालु पूरी रात जागकर भगवान शिव की आराधना में भजन गाते हैं। कुछ लोग पूरे दिन और रात उपवास भी करते हैं। शिव लिंग को पानी और बेलपत्र चढ़ाने के बाद ही वे अपना उपवास तोड़ते हैं।

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