क्यों पहनाया जाता है कलीरा

क्यों पहनाया जाता है कलीरा

कैसे हुई शुरूआत?
चूड़़े की शुरूआत पंजाब से हुई उस समय ये मेटल से नहीं बल्कि सूखे नारियल (पूरा या आधा) से बनाए जाते थे, जिसमें काजू और बादाम लटकाए जाते थे जिसके पीछे मान्यता थी कि दुल्हन कभी भूखी न रहे यानि शादी होने के बाद अगर उसे अपने पति के साथ उसके घर जाते हुए सफर में भूख लगे, तो वो इसे खा सके लेकिन टाइम के साथ कलीरे के डिज़ाइन और रंग में काफी बदलाव आ चुका है अब उसी आधे नारियल की शेप या गुम्बद या अम्ब्रेला जैसे शेप में लाइट रोज वुड या मेटल से इसे बनाया जाता है, जिसमें हर कलर के बीड्स या स्टोन्स जड़े हुए होते हैं लेकिन आज भी गांव में कई जगह आधे नारियल को ही दुल्हन के हाथों पर बांधा जाता है।