
जानें:गुरू नानक जयंती के महत्व को...
गुरू नानक जी बचपन से ही आध्यात्मिक व ज्ञानशील थे। गुरू
 नानक जी के बचपन की किस्से आज भी बेहद प्रासंगिक है। गुरू जी का मन तो 
बेशक सांसारिक जीवन में नहीं था लेकिन उन्होंने बिना संन्यास धारण किए हुए 
आध्यात्म की राह को चुना। उनका मानना था कि मनुष्य को संन्यासी बन अपने 
कर्तत्यों से मुंह मोडने का कोई अधिकार नहीं है।






