पति-पत्नी की खट्टी-मीठी शिकायतें
अब सुनते हैं, पतियों की शिकायतें
बहाना बनाना और बेवकूफ बनाना कोई इनसे सीखे। हमारे रिश्तेदारों के आने की खबर से कब और कहां दर्द हो जाएगा अथवा कौन-सा बाहरी काम निकल आएगा, ब्र±ना भी नहीं समझ सकते हैं। इनकी जासूसी और तर्क के आगे तो बडे-बडे जासूस भी गच्चा खा जाएं। कहां, किसके साथ, क्यों, कब का जवाब देते समय सावधान रहना पडता है या फिर बगलवाले शर्माजी तो समय से घर आ गए थे, आपको क्यों देर हुई, रास्ता तो एक ही है।