पति-पत्नी की खट्टी-मीठी शिकायतें
अपनी स्मार्टनेस को लेकर काफी गलतफहमी का शिकार रहते हैं। सोचते हैं कि पडोसी की बीवी इन पर फिदा है। भले ही तोंद बडी हो और सिर के बाल नदारद हों। शादी कसे पहले सभ्य, सुसंस्कृत या शेयरिंग-कियरिंग वाल होते हैं, लेकिन शादी के बाद तो बस, पति के अधिकार ही याद रह जाते हैं। मैं, जरा ज्यादा ही बडा हो जाता है। तर्क में यदि पत्नी सही नजर आती है, तो भी हार मानना गवारा नहीं, बल्कि सुनने को मिलता है, चार पैसे क्या कमाने लगीं, बात-बात पर बहस करने लगी हो। बर्थडे या खास दिन भूल जाना इनकी आदत में शुमार है। यदि पत्नी ने नाराजगी जाहिर कर दी, तो मनाना तो दूर, काम का ऎसा बहाना बनाते हैं कि बेचारी पत्नी अपराधबोध से घिर जाती है।