पति के कदम जब फिसल तो आजमाएं...

पति के कदम जब फिसल तो आजमाएं...

सज-संवर कर आकर्षक बनना है तो शीशे के सामने उन का ज्यादा वक्त बीतेगा ही। जूते पॉलिश कर रोज चमकाए जाएंगे। दाढ़ी बडे़ ध्यान से बनेगी। डिओ और सेंट की खरीददारी में बढ़ोतरी होगी। घर से महकते हुए निकलेंगे साहब। वापसी में उनके कपडों से अगर लेडीज सेट की खुशबू पत्नी अगर पकड ले तो रोग का निदान पक्का हो जाएगा। पतिदेव को प्रेमिका के साथ घूमने फिरने के लिए समय भी निकालना पडेगा। घर देर से पहुंचने के झूठे बहाने बनाना उन की मजबूरी ही समझा जाना चाहिए। किसी बीमार दोस्त को देखने जाने के मौके बढने लगेंगे। दोस्त भी ऎसा होगा जिस से बीवी की मुलाकात होने की उम्मीद न के बराबर हो। अर्जेट मीटिंगों की संख्या बढने लगेगी। ओवरटाइम करने का जोश अचानक बढ जाएगा। पत्नी को शाम की चाय व रात का खाना अगर आए दिन अकेले खाना पडे तो उसे चौकन्ना हो जाना चाहिए। इश्क के शुरूआती दिनों में रोमांस की बैटरी पे्रमिका चार्ज करती है और इसका फायदा पत्नी को भी पहुंचता है। कहीं का जोश कहीं उतरता है। तब पत्नी इस भ्रम का शिकार हो सकती है कि उसके साहब उसके पहलने से जयादा प्यार करने लगे हैं। बाद में प्रेमिका से तुलना कर के पतिदेव पत्नी से खीजने लगेंगे। तब रोमांस की जगह उदासीनता, चिढ व तानों का सामना करना पड सकता है पत्नी को। यौन संबंधों में पति की तरफ से अकारण बहुत ज्यादा बदलाव आना उन की जिंदगी में दूसरी औरत के वजूद का सूचक हो सकता है, पत्नी इसे सदा याद रखे। पति के मन का अपराधबोध, चिढ व तनाव उसे पत्नी से आंखें मिला कर बात नहीं करने देते। उस की उपस्थिति में वह या तो कटा-कटा सा रहता है या बेकार के झगडे शुरू कर देगा। प्रेमिका से मिलने की राह का कांटा प्रतीत होने वाली पत्नी से पतिदेव के संबंध धीरे-धीरे अपनी सहजता व आत्मीयता खोने लगेंगे।