पति के कदम जबफिसले तो आजमाएं...

पति के कदम जबफिसले तो आजमाएं...

घर से बाहर लिफ्ट मिलते ही पुरूषों को फिसलते देर नहीं लगती पर वह फिसलन अपने साथ कुछ निशान भी छोड जाती है जिस से पत्नियों को सजग हो जाना चाहिए। किसी भी स्त्री के पति को इश्क का रोग लग जाना कोई छोटी-मोटी घटना नहीं, इस रोग का गंभीर रूप उन के बीच तलाक तक का कारण भी बन सकता है। इसलिए जरूरी है कि पत्नी इस रोग के लक्षणों को तभी पहचाने जब उसके पति के कदम ताजाताजा भटकने आरंभ ही हुए हौं। तब तो ये लक्षण ही उसे चेता सकेंगे। दूसरी महिला से प्रेम का चक्कर चलाने को उत्सुक पति का व्यवहार बदले बिना नहीं रह सकता। उस पर मानसिक व भावनात्मक दबाव बहुत ज्यादा रहता है। चूंकि वह जीवनसंगिनी को धोखा देने की राह पर कदम बढा रहा है तो कभी नए नए रोमांस की उत्तेजना जकडेगी तो कभी पत्नी को छलने का अपराधबोध। वह इस अफेयर को छिपाकर रखना चाहता है,उसे अपनी बदनामी का डर सताता है,दो नावों की सवारी करने की टेंशन, चिढ़ और गुस्सा उसे जक़डते हैं, उसे प्रेमिका की नजरों में अपनी छवि सुधारनी है,उस का दिल जीतना है,उससे मिलने का समय निकालना है तो ये सारी बातें उसके लिए बडी समस्या बन जाती हैं। पतिदेव की आय सीमित हो तो आर्थिक कठिनाइयां तंग करेंगी क्योंकि इश्क लडाना खर्चीला सौदा है। पति में आ रहे ऎसे सारे बदलावों को वह पत्नी जरूर पकड लेगी जो ऎसी किसी अनहोनी आशंका के प्रति पहले से सजग हो। पति के दिलफेंक स्वभाव की पहचान उसे चौकन्ना रखने मे सहायक सिद्ध होगी।