कितने रंग छुपे हैं प्यार के अहसास में...
जो इन नाजुक भावनाओं की कच्ची राह से गुजर चुका है वही जानता है कि प्यार क्या है? कभी हरी दूब का कोमल स्पर्श, तो कभी चमकते चाँद की उजली चाँदनी। प्यार का अर्थ सिर्फ और सिर्फ देना है और देने का भाव भी ऐसा कि सब कुछ देकर भी लगे कि अभी तो कुछ नहीं दिया।