होम डेकोर में कस्टमाइज्ड इंटीरियर का ट्रेंड
घर डेकोर में कस्टमाइज्ड इंटीरियर को अपनाने का सब से बढा फायदा यह होता है कि प्रत्येक ग्राहक अपनी निजी पसंद के अनुरूप अलग डिजाइन व स्टाइल निर्मित कर सकता है। पहले एक के सोफे के डिजाइन या परदे के स्टाइल को देख कर दूसरे को वैसा ही अपने घर के लिए चाहिए होता था। यही वजह थी कि सब के घरों में एक समय में एक जैसी बेंत की कुरसियां, सफेद ग्लास की मेजें और एक ही शेप के सोफे या फिर वाशबेसिन ही देखने को मिलते थे। किसी भी चीज में एक निजता की छाप नहीं झलकती थी। आज हर किसी की कोशिश होता है कि उसके घर में रखी हर वस्तु सब से अलग स्टाइल में हो चाहिए। इसलिए बहुत चुन कर और हर तरह की बारीकियों का ध्यान रखते हुए घर के हर कोने की डिजाइनिंग की जाती है। जब यूज करने वाले व्यक्ति की जरूरतों और घर की हर जगह यानी कमरे, किचने बाथरूम ाअैर बालकनी आदि को ध्यान में रखते हुए सजावट की जती है तो उसे कस्टामाइज्ड इंटीरियर कहा जाता है। इस स”ाा में हर चीज की जरूरत, रंग, शेप फैब्रिक, मैटीरियल, डिजाइनिंग आदि एकदूसरे से मेल खाती है। फिर वह चाहे सोफा, कुशन, दीवार, सीलिंग, परदे या फिर ऎक्सेसरीज हो। कस्टामाइज्ड इंटीरियर विभिन्न डिजाइनर तत्वों को प्रयोग करते हुए व उन्हें उस जगह का उपयोग करने वाले व्यक्ति की आवश्यकताओं के साथ तालमेल बैठाते हुए तैयार किया जा सकता है। ऎसा लुक देना आवश्यक होता है, जिससे उस में रहने वाले व्यक्ति की निजी छाप उस में दिखाई दें। इस तरह की डिजाइनिंग से पूरे घर को बदला जा सकता है।