दिल तो हरदम मचलता है जी
ऎसे रिश्ते को गलत न मानते हुए एक भावनात्मक और स्वस्थ रिश्ते की शुरूआत कह सकते हैं। इसे रिश्ते में एक ऎसा दोस्त होता है, जो उस के सुखदुख, परेशानियों में उसका भरपूर साथ देता है और कदम कदम पर अच्छेबुरे का ज्ञान कराता है। अपने लाइफपार्टनर की उपेक्षा झेल रहे व्यक्ति का बाहर किसी के साथ एक स्वस्थ संबंध बनाना गलत नहीं है। अगर उस के साथ वह खुशी के कुछ पल बिता ले, जो उसे सुकून दें तो इस में कुछ बुराई नहीं है। भावनात्मक लगाव बदलते युग का चलन बन गया है, जिसे कुछ लोग सहजता से स्वीकार कर रहे हैं, क्योंकि इस से उन को आत्मिक खुशी मिल रही है।