गर्भावस्था के दौरान गर्भ के अतिरिक्त बोझ से पैरों में थकान बढ जाती है। इस अवस्था में पैरों की विशेष देखभाल करनी चाहिए। पैरों की व्यर्थ ना थकाएं। जितनी देर सम्भव हो, उतनी ही देर खडे हो कर काम करें अन्यथा बैठ कर ही काम करें। हाथपैरों के नाखूनों की सही देखभाल करें और इन्हें साफ भी रखें। मैनीक्येर और पैडीक्योर भी कराती रहें। दोपहर में जब अधिक थकान अनुभव होने लगे तो टांगें, सिर के स्तर से ऊपर रख कर लेटना उचित है। खुली हवा में आनंद के साथ-साथ 7-8 घण्टे की नींद भी जरूरी है।