रहें तन और मन दोनों से फिट
आजकल
की भागदौड भरी जिंदगी में आदमी मशीन बनकर रह गया है। तरह-तरह की
जिम्मेदारियां, बढ़ती जरूरते के चलते आप आराम नहीं कर पाते। इससे आपका
नर्वस सिस्टम कमजोर होने लगता है। अधिक शराब के सेवन,अधिक सेक्स करने,
गरिष्ठ भोजन करने, रात को देर तक जागने, ज्यादा दवाईयां लेने से भी नर्वस
सिस्टम खराब होता है। नर्वस सिस्टम खराब होने से आप शारीरिक और मानसिक
कमजोरी महसूस करने लगते हैं। आपको बात-बात पर क्रोध आएगा। कब्ज बनी रहेगी,
भूख नहीं लगेगी और आप इसी तरह की अन्य समस्याओं और परेशानियों की गिरफ्त
में आ जाते हैं। इन समस्याओ के चलते और उपचार के अभाव में लकवा, बहरापन और
तनाव जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। जिसके चलते लोग आत्महत्या जैसा जघन्य
अपराध कर बैठते हैं। इन समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
प्राकृतिक उपाय: प्राकृतिक उपायों को अपनाकर आप इन समस्याओं से बच सकते
हैं। प्राकृतिक उपायों से इस रोग से बचा जा सकता है। सर्दियों में धूप
स्त्रान तथा शरीर पर तेल की मालिश करें। पीठ पर गर्म-ठंडा सेक करके अंत में
पूरी पीठ पर 15 मिनट के लिए ठंडी पट्टी रखें। पेट पर भी गर्म-ठंडा सेक
करना चाहिए। ठंडे और ताजे पानी से स्त्रान करें। रात मे अच्छी नींद लेने के
लिए सोते समय पीठ, गर्दन और सिर पर थपथपाना और कंपन करना चाहिए। ऎसा करने
से आपका तनाव दूर होगा और आप मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ महसूस
करेंगे।
यौग द्वारा: योगाभ्यास के द्वारा भी आप अपने नर्वस सिस्टम को सही कर सकते
हैं। योगाभ्यास करने से आप फिट महसूस करेंगे और आज की प्रतिस्पर्धा भरी
जिंदगी में अपने आप को फिट रखना बहुत जरूरी है। इसके लिए आप सुबह खुली और
ताजा हवा में वज्रासन, चक्रासन, भुजंगासन, शलभासन और पवनमुक्तासन का अभ्यास
करें। अंत में 10 मिनट का शवासन करें। प्राणायाम करने से भी आप अपने आप को
फिट रख सकते हैं। प्राणायाम में कपालभाति, नाडी शोधन और भ्रामरी का अभ्यास
करके आप फिट रह सकते हैं। लेकिन याद रखे कि योगासन और प्रणायाम किसी
प्रोफेशनल से सीखने के बाद ही करें।
रूटीन लाइफ: आप अपनी रूटीन लाइफ को सुधार कर भी अपने आप को फिट रख सकते
हैं। नशा करने से बचें। नशा शरीर और आत्मा दोनों का नाश करती हैं। इसलिए
किसी भी प्रकार का नशा करने से बचें। सेक्स करते समय संयम बरते। अधिक सेक्स
करने से बचें। रात को समय से सोएं और सुबह सूर्योदय से पहले उठें। सुबह की
सैर पर जाएं या व्यायाम करें। इससे आप शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ
महसूस करेंगे। पोष्टिक, विटामिन और खनिज लवणों से युक्त भोजन करें। गरिष्ट
भोजन करने से बचें। जल्द पचने वाला भोजन करें। भोजन ताजा ही खाएं। भोजन को
साफ-सुथरे स्थान पर ढ़ककर रखे। भोजन करने के बाद या पहले अधिक शारीरिक और
मानसिक श्रम करें। भोजन करने के बाद 20 मिनट आराम करें इससे पाचन क्रिया
सुविधा पूर्वक होगी। सप्ताह में एक दिन उपवास या फलाहार लें।
पौष्टिक भोजन स्वस्थ शरीर : भोजन से भी शरीर और मन को स्वस्थ रख सकते हैं।
लेकिन भोजन सात्विक, प्राकृतिक और पौष्टिक हो। पौष्टिक भोजन शरीर को
सेहतमंद और फिट रखता है। ऎसा भोजन ले जिसमें पर्याप्त मात्रा में सोडियम,
फासफोरस और विटामिन बी-1 हो। ये खनिज और विटामिन आपको दालों के छिलकों,
फलों, दूध, हरी सब्जियों आदि में सबसे अधिक होते हैं। फलों में आम, अंगूर,
अमरूद, पपीता और केला खाएं। सब्जियों में पालक का साग, हरी सब्जियां,
करेला, टमाटर और शलजम का उपयोग करें। फलों के ताजा रस का सेवन करें। सुबह
नाश्ते में दूध-दलिया, मूंग, मोठ, चना को अंकुरित कर भाप में हल्का पकाकर
उसमें प्याज, अदरक, टमाटर आदि मिलाकर खाएं और साथ में दूध पीएं। पौष्टिक और
सात्विक भोजन से आपका तन और मन दोनों स्वस्थ रहेंगे।
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