जानिए: गहनों के चमत्कारी गुण संवारे सेहत
अंगूठी, हाथ की उंगली में पहनने का छल्ला होता है। छोटी उंगली व उसकी पास वाली उंगली में अन्त:प्रकाष्ठिका सम्बन्धी तंत्रिका होती है। अंगूठा तर्जनी व बीच की उंगली व उसके पास की मध्याक्ष पर स्थिर तंत्रिका होती है। इस तंत्रिका का सम्बन्ध कंधों, चुल्लिका गंथि और हृदय से होता है। अलग-अलग उंगली में अंगूठी पहनने पर इसका अलग-अलग प्रभाव होता है। छोटी उंगली में पहनने पर घबराहट, छाती का दर्द व मानसिक आघात में राहत मिलती है। भुजाओं और कंधों पर भी अंगूठी पहनने का प्रभाव पडता है।