जानिए: गहनों के चमत्कारी गुण संवारे सेहत
हँसली, हार, पंचलडी ये गर्दन में पहने जाने वाले आभूषण हैं। पहले वक्ष पर हार एक नहीं बल्कि गले से वक्षस्थल पर होता हुआ ऊपर तक अनेक लडियों वाला हार लहराता हुआ पहनते थे, गले से सम्बन्धित सहायी, मध्यच्छद सम्बन्धी तंत्रिका इससे प्रभावित होती है।