टूटने न पाए सपनों का घर
साथ के मकान का ख्याल अक्सर हादसे इस वजह से होते हैं कि हम आस-पडोस का ख्याल नहीं रखते। बेसमेंट के निर्माण में यह सबसे अहम बात है। हम अपनी पूरी जमीन में अगर बेसमेंट बनाते हैं और आसपास इमारतें हैं , तो यह दूसरों के लिए कब्र खोदने जैसा ही होगा। जब भी बेसमेंट बनाएं , अपनी जमीन में दोनों ओर पुराने निमार्णो को देखते हुए कम से कम 5 से 10 फु ट जगह जरूर छोडें। हालांकि यह मुख्य रूप से मिट्टी की जांच रिपोर्ट और इस बात पर भी निर्भर है कि हम खुदाई कितनी करना चाहते हैं और साथ वाली इमारतें किस तरह बनी हुई हैं। साथ में बने मकानों के बारे में जानकारी लेकर ही काम शुरू करना चाहिए। हमें यह अच्छी तरह मालूम होना चाहिए कि साथ वाले मकान की नींव कितनी गहरी है , उसमें बेसमेंट है या नहीं। अगर साथ वाले घर में बेसमेंट हो तो ऎसे में खुदाई उसके बेसमेंट के लेवल से नीचे जाते ही खतरा शुरू हो जाता है। मिट्टी खिसकने की संभावना ज्यादा रहती है। पडोसी के घर की नींव अगर गहरी हो , तो उससे कम खुदाई में उतना खतरा नहीं रहता। फि र भी हर काम फि जिकल वेरिफि केशन के हिसाब से किया जाना चाहिए।