टूटने न पाए सपनों का घर
मिट्टी की जांच किसी भी जगह कंस्ट्रक्शन शुरू करने से पहले मिट्टी की जांच बहुत जरूरी है। आप उस जगह की मिट्टी की जांच कराएं। इसके बाद ही आप किसी नतीजे पर पहुंच सकेंगे , मसलन मिट्टी सख्त है , नरम है या पथरीली है। मिट्टी नरम होने पर आपको ज्यादा सावधानी बरतनी पडती है। वहीं, पथरीली मिट्टी होने से मिट्टी के खिसकने का खतरा कम होता है।जांच से यह भी पता चलता है कि मिट्टी की बीयरिंग कैपेसिटी ( लोड लेने की क्षमता ) कितनी है यानी आप जो इमारत खडी करना चाह रहे हैं, वह वहां बनाई भी जा सकती है या नहीं क् आप मिट्टी की जांच से प्रति वर्ग सेंटीमीटर या प्रति वर्ग फु ट के हिसाब से क्षमता का पता लगा सकते हैं। जांच से इलाके के वॉटर लेवल का भी पता चल जाता है, जोकि बेसमेंट के लिहाज से अहम फैक्टर है।मिट्टी की क्षमता के आधार पर ही किसी इमारत में मंजिलों की संख्या तय की जाती है। देखा जाए तो डिजाइनिंग में मिट्टी की जांच का अहम रोल रहता है। मिट्टी की जांच कराने में 15-20 हजार रूपये का खर्च तो आता है, लेकिन आपका और आपके पडोसियों का भविष्य सुरक्षित हो जाता है। बाजार में किसी भी मान्यता प्राप्त एनवायरनमेंटल लैब से मिट्टी की जांच करा सकते हैं।