नया साल...नयी उम्मीदें...नए सपनें और...
बुराई संस्कृति में नहीं, उसे अपनाने के तरीके में होती है। इसलिए किसी भी शैली को दोष देने के बजाय उस के मूल में छिपे उत्तम आधार का सार अपनी संस्कृति के अनुसार ढाल कर अपनाना चाहिए। शैली कोई भी हो, बुरी नहीं होती। उद्देश और लक्ष्य निर्धारित होना चाहिए।