जिंदगी को अपने ही अंदाज में जीने को कहते हैं सुष्मिता सेन

जिंदगी को अपने ही अंदाज में जीने को कहते हैं सुष्मिता सेन

आपको बता दें कि विश्व मंच प्रसिद्ध करने में सुष्मिता सेन का अहम योगदान रहा है। 1994 ऐसा साल रहा जहां से पूरे विश्व में भारत की सुन्दरता के चर्चे आम होने लगे। मिस यूनिवर्स बनने के बाद फिल्म जगत में सुष्मिता सेन को लेने की होड मच गई थी। हर निर्माता निर्देशक यह चाहता था कि उनकी फिल्म से सुष्मिता सेन बॉलीवुड में अपने कैरियर की शुरूआत करें लेकिन सफलता मिली निर्माता निर्देशक महेश भट्ट को जिन्होंने सुष्मिता सेन को अपनी फिल्म ‘दस्तक’ के जरिए बी-टाऊन से परिचित कराया।

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