बालों को कलर करना
वृद्धावस्था में आते-आते चेहरे पर झुर्रियों से ज्यादा बालों में सफेदी की चिंता सताने लगती है। एक बार बाल सफेद होने के बाद उन्हें काला करना सम्भव नहीं है। इसके लिए बालों का रंगना ही सबसे बेहतर समाधान है। बालों को रंगने के लिए लोग कई तरह हे उपाय करते हैं। प्राचीन काल मे महिलाएं अपने बालों को रंगने के लिए जडी-बूटियों का इस्तेमाल किया करती थीं। इससे बालों को किसी तरह की हानि नहीं पहुंचती थी।
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आजकल बालों को रंगने के लिए रासानिक खिजाबों को इस्तेमाल किया जाने लगा है। इससे बालों को काफी नुकसान पहुंचता है। यह रसायन सिर की त्वचा में अन्दर तक समा जाते हैं। इनके इस्तेमाल से कई बार त्वचा सम्बन्धी रोग भी हो जाते हैं। इसलिए बालो को रंगने के लिए हमेशा प्राकृतिक चीजों का ही इस्तेमाल करना चाहिए। बालों को रंगने सम्बन्धि कुछ आवश्यक बातें। रीठा, आंवला, शिकाकाई को रात भर लोहे की कडाही में भिगोकर रखदें। सुबह इसे उबालकर इसमें मेहंदी, एक चम्मच कत्था, एक चम्मच कॉफी पाउडर, एक अण्डा मिलाकर बालों में लगा लें। इसेे 3-4 घन्टे तक सिर में लगा रहने दें। बालों को काला रंग देने के लिए मेहंदी में थोडासा कॉफी पाउडर या कत्था चूर्ण मिला लें।
2 कप मेहंदी में एक चम्मच कॉफी का पाउडर, एक अण्डे की जर्दी और एक बडी चम्मच रम या ब्रांडी को हल्के गर्म पानी में घोल कर पेस्ट बना लें। इसे बालों पर लगाने से बालों का रंग गहरा भूरा हो जाता है। 500 ग्राम अखरोट के छिलकों को आधा लीटर पानी में 15 मिनट तक उबाल लीजिए। इसे बालों पर लगाने से बालों का रंग गहरा हो जाता है।
जब बाल सफेद होना शुरू हो जाएं तो आंवला, रीठा, शिकाकाई को लोहे के बर्तन में 2-3 दिन तक भिगो दें। इसके बाद इसे उबालकर छान लें। बालों को धोने के लिए इसका इस्तेमाल करें। इससे बाल काले होना शुरू हो जाएंगे। बालों का रंग आपके कुदरती बालों केरंग से बहुत ज्यादा अलग नहीं होना चाहिए। इससे बाल दिखने में भद्दे लगते हैं। बालों का रंग गहरा भूरा या सुनहारा हो तो ज्यादा अच्छा लगता है। एक चुटकी जाफरान को आधा लीटर पानी में 10 मिनट तक भिगो दें। अब इसे छान कर बालों पर लगा लें। यह बालों को रंगने सबसे आसान तरीका है।