अगर इसे भारतीय परिदृश्य के साथ जो़डकर देखा जाए तो परिस्थितियां लगभग समान ही प्रतीत होती हैं। यहां भी ऎसा आम देखा जा सकता है कि पुरूष सूरत को महत्व देते हुए आपसी भावनाओं और प्रेम की अनदेखी कर देते हैं। उनके लिए प्यार और भावना जैसी चीजों का महत्व अपेक्षाकृत कम होता है।