जेनिटल टीबी बांझपन और समाधान
गौरतलब है कि बार-बार गर्भपात होने का कारण जेलिटल टीबी है, इसतथ्य कोपुख्ता करने के खास प्रमाण और आंकडे नहीं हैं। हालांकि अभी तक ऎसे कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं मिले हैं कि बार-बार गर्भपात से जेलिटल टीबी हो सकता है, लेकिन देश के विभिन्न भागों में लोग इस दिशा में काम कर रहे हें और उम्मीद है कि अच्छे परिणामों और स्टडी से ठोस सबूत मिलेंगे। अब बहुत से महिला रोग विशेषज्ञ ये मानने लगे हैं कि जेलिटल टीबी बांझपन का मुख्य कारण है और दिल्ली में साउथएंड फर्टीलटी एण्ड आईवीएफ सेंटर का सम्मेलन भी इसी दिशा में एक कदम था। इस सम्मेलन में डॉक्टरों ने अपने निजी अनुभव, गाइडलाइन और विचार रखे। अधिकतर डॉक्टरों का मानना है कि जेनिटल टीबी को इलाज जल्द से जल्द होना चाहिये अन्यथा इससे होने वाले नुकसान की भरपाई करना असंभव है। जेनिटल टीबी और बांझपन यानी कि गभधारण न होना, ये एक-दूसरे से जुडे हुये हैं, इसलिये अगर किसी दंपत्ति को पता चलाता है कि अपरोक्ष टीबी है तो भी वे इलाज कराने में देरी नहीं करते हैं।