सफलता के लिए अपनाएं संतुलित नजरिया
अगर आप अपना लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं तो आपके मन प्रतिस्पर्धा के साथ संतुलित नजरिया भी होना चाहिए। इससे कामयाबी की राह आसान हो जाती है। खुद को दूसरों से बेहतर स्थिति में देखने की सहज इच्छा को ही प्रतिस्पर्धा कहा जाता है। वहीं मनोवैज्ञानिक के अनुसार- यह भावना हमें कुछ हासिल करने और आगे बढने के लिए प्रेरित करती है, पर ध्यान देने योग्य बात यह है कि प्रतिस्पर्धा स्वस्थ होनी चाहिए। आप दूसरों से आगे जरूर बढें, लेकिन आपके मन में दूसरों को नीचा दिखाने की भावना नहीं होनी चाहिए। इससे आपके विकास की राह में रूकावट पैदा हो सकती है।