प्यार में घटती भावनाओं की अहमियत
प्यार का खोता अस्तित्व यह सवाल जेहन में जरूर कौंधता है कि आखिर ऎसी क्या कमी रह जाती है कि आज के प्रेम संबंधों की उम्र नहीं होती। शायद इसलिए क्योंकि आज की जेनरेशन भावुकता से परे व्यवहारिकता को अधिक तवोजोह देती है। जरा सा वैचारिक मतभेद रिश्तों को तोडने की ताकत रखता है। साफ तौर पर कहें तो भावनाएं जो प्रेम-संबंधों की नींव होती है उसकी कमी ने प्रेम के संवेदनशल अस्तित्व कोइजड से उखाड फेंक दिया है। वास्तव में एक-दूसरे के प्रति समर्पित भावनाओं की कमी ने प्रेम संबंधों को खोखला बना दिया है।