खर्राटों से मुक्ति दिला सकता है फेस मास्क
शोधकर्ताओं ने पाया है कि रात के समय चेहरे पर मास्क लगाना उन लोगों के
ऊर्जा स्तर और जीवन शक्ति में सुधार कर सकता है, जो स्लीप एपनिया से पीड़ित
हैं। स्लीप एपनिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें रात को सोते समय सांस लेने में
तकलीफ और खर्राटे आने की शिकायत रहती है। फेस मास्क को सीपीएपी मशीन भी
कहा जाता है। यह वर्तमान में केवल उन लोगों के लिए ही अनुशंसित है, जिनकी
स्लीप एपनिया मध्यम स्तर से गंभीर हो चुकी है।
अध्ययन द लांसेट
रेस्पिरेटरी मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित हुआ है, जिसके लिए इंपीरियल
कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने ब्रिटेन के 11 राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा
(एनएचएस) स्लीप सेंटर से 200 से अधिक रोगियों को शामिल किया। उन्होंने
स्लीप एपनिया से जुड़े मध्यम मामलों में उपचार के विभिन्न पहलुओं की जांच
की।
अध्ययन के मुख्य लेखक मैरी मोरेल ने कहा, हम स्लीप एपनिया और इसके
रोगियों के बढ़ते मामलों को देख रहे हैं। पहले हालांकि यह मुख्य रूप से
अधिक वजन वाले पुरुषों को प्रभावित करता रहा है। अब हम जानते हैं कि इसका
असर रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं, बुजुर्गो और यहां तक कि बच्चों पर भी होता
है।
मोरेल ने कहा, स्लीप एपनिया के सभी मामलों में लगभग 60 फीसदी
मामलों को हल्के के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, लेकिन अब तक हमें नहीं
पता था कि सीपीएपी इन रोगियों के लिए मददगार होगा या नहीं।
स्लीप
एपनिया विश्व स्तर पर एक अरब से अधिक वयस्कों को प्रभावित करता है और नींद
के दौरान वायु मार्ग बहुत संकीर्ण हो जाता है, जिससे लोग रात में कई बार
सांस लेना बंद कर देते हैं। यह जोर से खर्राटे आने का कारण भी बन सकता है।
शोधकर्ताओं
के अनुसार, इसका उपचार मास्क है जो नाक या मुंह पर फिट किया जाता है। इसे
एक निरंतर सकारात्मक वायुमार्ग दबाव (सीपीएपी) मशीन कहा जाता है, जो सांस
लेने के मार्ग को खुला रखते हुए धीरे-धीरे मुंह और गले में हवा को धकेलता
है।
अध्ययन में 115 रोगियों को तीन महीने के लिए सीपीएपी का उपयोग
करने के लिए कहा गया था, जिसमें उन्हें स्लीप एपनिया के मामलों में काफी
सुधार देखने को मिला। शोधकर्ताओं ने सीपीएपी का उपयोग करने वाले
रोगियों में थकान, अवसाद, सामाजिक और भावनात्मक कामकाज सहित कई अतिरिक्त
कारकों में सुधार देखा।
--आईएएनएस
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