शक के आधार पर टूटते प्यारे रिश्ते
कहते हैं कि शादी एक अटूट विश्वास व बलिदान का नाम है, पर तब ये विश्वास और
बलिदान कहां चला जाता है। जब एक शक की वजह से किसी का पूरा घर व लाइफ
बिखार जाती है।
काबिल होना शादीशुदा जीवन में दोनों में से कोई एक ज्यादा
काबिल है तो वहां भी शक पनपने लगता है, क्योंकि उसके अंदर की अयोग्यता
उसको इतना परेशान करती है कि उसे अपने जीवनसाथी की योग्यता पर शक होने लगता
है और उसे लगता है कि उसका पति-पत्नी जिस पौजिशन व सैलरी पर है उसका कारण
कुछ और ही है। ऎसे व्यक्ति अपनी योग्यता बढने के बजाय खत्म करता जाता है।
सुन्दरता कई बार शका सबसे बडा कारण खूबसूरती होती है। जीवनसाथी
में अगर दोनों में कोई एक सुन्दर है तो समझो शक होना वहां लाजमी है अगर
पत्नी खूबूसूत है तो पति को लगता है कि सब उसकी पत्नी को देख रहे हैं, उसी
तरह अगर पति खूबसूरत है तो पत्नी को लगता है कि जरूर इनका किसी के साथ
चक्कर चल रहा है। इस तरह की सोच दोनों के मन में रहती है जो धीरे-धीरे शक
रूप लेती है।
एक-दूसरे पर भरोसा ना होना वैवाहिक जीवन में विश्वास ही
मजबूत कडी होती है और जब वैवाहिक जीवन में विश्वास की जगह अविश्वास आ जाता
हे, तो वहां शक की गुंजाइश ज्यादा होती है। जब व्यक्ति को किसी पर अविश्वास
होता है तो उसके हर काम पर शक होता है, उसे लगता है कि वह जो काम कर रहा
है या बता रहा हैसब झूठ है और इसमें से अगर जीवनसाथी की कोई बात सही नहीं
निकलती तो उनका अविश्वास और पक्का हो जाता है।
कैसे दूर करें
ऎसा कहते हैं कि विश्वास वैवाहिक जीवन की नींव है, इसलिए इस नींव को हिलने ना दें बल्कि और भी पक्का करने की कोशिश करें।
अगर आपका जीवनसाथी का शक गहरा हो रहा है, तो थोडा सावधान रहें, क्योंकि आपकी जरा सही चूक शक को बढावा दे सकती है।
शक के घेरे में खुद को उलझाने के बजाए सुलझाने की कोशिश करें और खत्म करने का प्रयास करें।
शक का असर अपने घरेलू व दफ्तर के कामों पर ना पडने दें, क्योंकि इससे आपका व्यक्तित्व प्रभावित होता है।
अगर पति-पत्नी किसी को एक-दूसरे पर शक है तो इस बात का पहले पता करें कि शक
उनके अन्दर आया कहां से। अगर किसी तीसरे का काम है तो उसे बुलाकर बात करके
शक दूर करें।
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