रात को जब नींद ना आये
दीर्घकालिक अनिद्रा के अन्तर्गत यह विकार यूं तो किसी किसी व्यक्ति को ही अपनी गिरफ्त में लेता है लेकिन यह है काफी गंभीर। यह समय-समय पर व्यक्ति को कष्ट देता रहता है। कई कई सप्ताह तक टिक कर बीच में थोडे समय के लिए रूकते हुए भी पुन: कई हफ्ते तक अपना असर दिखाता रहता है। भारत में करीब 15 प्रतिशत लोग इस रोग से पीडित हैं। दीर्घकालिक अनिद्रा रोग से मुक्ति पाने हेतु सर्वप्रथम आप यह सुनिश्चित करें कि आपको नींद न आने के कारण कोई ह्वदय रोग, मधुमेह, मिर्गी, गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति काल या आर्थराइटिस आदि तो नहीं है। इसके लिए किसी सुयोग्य चिकित्सक से अपनी जांच करायें, साथ ही यह भी जान लें कि उच्च रक्तचाप और दमे जैसे विकारों में जो औषधियां सेवन की जाती हैं, वे भी अनिद्रा का कारण बन सकती है। नींद न आने के आपके कारण यदि मनोविज्ञान से जुडे हैं तो आपको उनकी पहचान कर उनसे मुक्ति पानी चाहिए। यदि आप उदासीन महसूस करते हैं तो आपको लगने लगता है कि जिन्दगी में आपके पास करने को कुछ नहीं, बार-बार आत्महत्या करने की सोचते हैं तो इस संदर्भ में डिप्रेशन से प्रभावित हैं। डिप्रेशन का एक प्रमुख लक्षण यह है कि यदि आपकी नींद जल्दी टूट गई तो लाख कोशिश करने पर भी आप पुन: सो नहीं सकेंगे।