
दाद मर्दन पौधा: त्वचा के लिए फायदेमंद है ये फूल, कई हैं इसके फायदे
नई दिल्ली । सुनहरे रंग का खिला-खिला दाद मर्दन का फूल न केवल त्वचा बल्कि
पूरे शरीर के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। आयुर्वेद में इसके फूल, फल
और पत्तियों के औषधीय गुणों का वर्णन मिलता है।
भारत सरकार का
आयुष मंत्रालय दाद मर्दन के फूल को प्रकृति का अनमोल उपहार बताता है। इसका
वैज्ञानिक नाम कैसिया अलाटा है। यह सुनहरे-पीले रंग के सुंदर फूलों वाला
पौधा दाद, खाज, खुजली और कई त्वचा रोगों का रामबाण इलाज माना जाता है।
दाद
मर्दन को सेना अलाटा भी कहा जाता है। यह 1-4 मीटर ऊंचा सुगंधित पौधा है,
जिसके अन्य नाम कैंडल बुश या रिंगवर्म बुश भी हैं। इसके चौड़े पत्ते 6-14
जोड़ी में होते हैं और चमकीले सुनहरे-पीले फूल गुच्छों में लगते हैं। भारत
में यह हर जगह आसानी से उग जाता है। पत्तियां दाद, खाज, खुजली, एक्जिमा,
फंगल इन्फेक्शन और कीड़े के काटने में रामबाण हैं। सूखी पत्तियां लंबे समय
तक सुरक्षित रहती हैं और इनका लेप या काढ़ा बिना किसी साइड इफेक्ट के त्वचा
रोग ठीक करता है।
आयुर्वेद और लोक चिकित्सा में सदियों से दाद मर्दन के
पत्तों को पीसकर लेप बनाया जाता है। इसे सीधे प्रभावित जगह पर लगाने से
कुछ ही दिनों में दाद-खाज पूरी तरह ठीक हो जाती है। इसके अलावा इसका काढ़ा
पीने से शरीर की अंदरूनी सफाई होती है और पाचन भी बेहतर रहता है।
कैसिया
अलाटा या दाद मर्दन कुदरत का चमकता पौधा है, जिसके पत्तों और फूलों में
फ्लेवोनॉयड्स, एल्कलॉइड्स और ग्लाइकोसाइड्स जैसे तत्व भरपूर मात्रा में पाए
जाते हैं। ये तत्व शरीर को अंदर से साफ करने के साथ-साथ त्वचा को सुरक्षा
प्रदान करते हैं।
इसके प्रमुख गुणों पर नजर डालें तो यह एंटी-फंगल है।
फफूंद (फंगस) को खत्म करता है, इसलिए दाद, खाज, रिंगवर्म में बहुत असरदार
है। इसका एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सूजन और जलन को तुरंत कम करने में सहायक
होता है और एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को निखारता है और समय से पहले बुढ़ापा आने
से रोकता है।
यह पौधा भारत के लगभग हर राज्य में आसानी से उग जाता है। गांवों में आज भी लोग इसे घर के आंगन या खेतों में लगा रखते हैं।
दाद मर्दन का पौधा बेहद फायदेमंद है। हालांकि, इस्तेमाल से पहले आयुर्वेदाचार्य से सलाह जरूर लेनी चाहिए। --आईएएनएस
#Top 7 बिना मेकअप के देखा है टीवी अभिनेत्रियों को !






