हिंदू धर्म में गाय को पवित्र मानते हैं
जिन जिन महाशक्तियों को धरती की धारणा शक्ति बताया गया है, उनमें गौ प्रमुख हैं। शास्त्रों में कहा गया है-
या लक्ष्मी: सर्वभूतानां सर्वदेवष्ववस्थिता।
धेनरूपेण सा देवी मम पापं व्यपोहतु।।
नमो गोभ्य: श्रीमतीभ्य: सौरभेयीभ्य एव च।
नमो ब्रहमसुताभ्यp पवित्राभ्यो नमो नम:।।
अर्थात् "जो सब प्रकार की भूति, लक्ष्मी है, जो सभी देवताओं में विद्यमान है, वह गौ रूपिणी देवी हमारे पापों को दूर करे। जो सभी प्रकार से पवित्र है, उन लक्ष्मी रूपिणी सुरभि कामधेनु की संतान तथा ब्रमपुत्री गौओं को मेरा बार बार नमस्कार है"।
वेदों में पृथ्वी को भी गौ रूपा माना गया है। गायों के गोबर से शुद्ध खाद एवं उससे उत्पन्न वृषभों की सहायता से श्रेष्ठ एवं सात्विक कृषि तथा यज्ञीय हविष्य के योग्य श्रेष्ठ सोलह प्रकार के अन्नों की उत्पत्ति होती है। इससे प्राणिमात्र एवं देवगण तृप्त होते हैं।