कैरियर काउंसिलिंग तय करती है भविष्य

कैरियर काउंसिलिंग तय करती है भविष्य

काउंसिलिंग का सही समय कक्षा नौवीं से लेकर दसवीं के बीच अभिभावकों को बच्चों की करियर काउंसिलिंग करवाना चाहिए, जब विद्यार्थी विषय चुनने के लिए सोच-विचार करने लगता है तब उसे सही विषय के चुनाव में मदद की जरूरत होती है। ग्यारहवीं में लिए जाने वाले विषय का सही चुनाव न हो तो पूरा करियर गलत दिशा में मुड सकता है, जो जीवन में खतरनाक साबित हो सकता है। विशेषज्ञ का जोर किन चीजों पर होता है।