जानिए:नर्गिस दत्त की कुछ अनजानी बातों के बारे में...
1957 मदर इंडिया से बॉलीवुड में नर्गिस को एक अलग पहचान मिली। इस फिल्म को भारत की तरफ से ऑस्कर पुरस्कार के लिा चुना गया। फिल्म में राधा का किरदार पूरी कहानी का केंद्र था। मदर इंडिया के बतौर नर्गिस ने इस चुनौतीपूर्ण किरदार को परदे पर जिवंत किया। राधा जो साऊकार के जुलम को सहते हुए अपने पति का साथ छोडकर चले जाने पर भी मेहनत से बच्चों की परवरिश करती हैं। अपने छोटे बच्चे का समाज में विद्रोह को देखकर वह अपने समाज के प्रति वचन को निभाते हुए गोली मार देती हैं। फिल्म में शुरू से अंत तक की भाव विहल कर देने वाले दृश्य हो या फिर बंजर जमीन पर खेती करने का सीन, नर्गिस ने इस भारतीय फिल्म इतिहास की सबसे गौरवशाली फिल्मों में से एक बना दिया। मदर इंडिया में राधा की भूमिका के लिए नर्गिस को फिल्म फेयर सहित कई पुरस्कार मिले। इस फिल्म् ने उनका जीवन बदल दिया। इसी फिल्म में अभिनेता सुनील दत्त जो की फिल्म में उनके छोटे बेटे का किरदार निभा रहे थे, शूटिंग के दौरान आग से उनकी जान बचाई थी और बाद में दोनों परिणय सूत्र में बंध गए।
शादी के बाद सुनील दत्त के एक रूम वाले फ्लैट में आकर रहने लगी और उनके सुख और दु:ख में हमेशा साथ रही। वह सुनील दत्त से थोड उम्र में बडी थी। साथ ही स्टर भी बडी थी। लेकिन उन पर दिल अपने के बाद नर्गिस ने एक आदर्श भारतीय महिला का उदाहरण देते हुए हर कदम सुनील दत्त का साथ दिया।