बेस्ट कैरियर बनता है दिलचस्पी और पैशन से
दूसरा उदाहरण आज के महानायक अमिताभ बच्चन के एक खास पहलू आपसे शेयर करते हैं। 12वीं करने के बाद उन्होंने साइंस पढने की इच्छा जताई, लेकिन उस कोर्स में उन्हें एडमिशन नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने दूसरे कोर्स में नामांकन कराया। उस समय पिता हरिवंश राय बच्चन ने कहा था कि जो मन का हो अच्छा और जो मन का न हो वह और भी अच्छा। क्योंकि मन का होने से संतोष मिलता है और जो मन का नहीं होता, उसका मतलब ईश्वर की इससे ज्यादा करने की इच्छा है। उस समय शायद उन्हें इस बात का एहसास न हुआ हो, लेकिन आज न केवल वह बल्कि पूरी दुनिया जानती है, उनके पिता के कहे शब्द कितने सटीक थे।