शादी से पहले लें कोचिंग, होगा लाभ
पता नहीं, शादी के बाद मुझे
ससुराल में जींस पहनने देंगे या नहीं, हमेशा साडी तो नहीं पहननी होगी?
मुझसे पहली बार जाने कौन सी डिश पकवाएं। पति को मेरी कौनसी बातें पसंद नहीं
आएं? मम्मी, पापा और भैया के बिना वहां रहना कितना अजीब लगेगा। कौन जाने
सासू मां कैसे स्वभाव की होंगी।
ऐसी ही ढेर सारी बातों को लेकर शादी से
पहले ज्यादातर युवतियां परेशान होती हैं और समस्याओं का समाधान उन्हें कहीं
से नहीं मिलता। शादी का नाम सुन कर दिल में गुदगुदी तो होती है पर मन नए
रिश्ते की शुरूआत को लेकर कई तरह की आंशकाओं में डूब जाता है। घर में दीदी,
मां और सहेलियों की नसीहतें सुन-सुन कर दिल कई बार भयभीत हो उठता है। कभी
शादी के खर्चे को लेकर माता-पिता की बहस अखरती है, तो कभी खुद की वेडिंग
लिस्ट अधूरी लगती है।
दुल्हन की परेशानी को लेकर सहेलियां हमउम्र होने
की वजह से कोई खास राय नहीं दे पाती। मां की ज्यादातर नसीहतें रिश्तेदारी
निभाने की समझदारी, पाक कला और होने वाली सासू-मां पर केन्द्रित होती हैं।
पति-पत्नी के तन व मन से जुडी बातों का जिक्र नहीं होता। फिर भी उमंगभरे
माहौल में घबराहट व तरह-तरह की चिंताओं के बावजूद वे नई आशा लिए विवाह के
सुखद बंधन में बंधने के लिए खुद को तैयार करती हैं।