
सर्दियों में धूप सेंकना न सिर्फ आरामदायक, बल्कि सेहत के लिए भी है वरदान, जानिए कैसे!
नई दिल्ली। सर्दियों की सुबह का अपना ही मजा है। हल्की ठंड, कोहरा
और सूरज की सुनहरी किरणें... ये न सिर्फ शरीर और आंखों के लिए आरामदायक,
बल्कि सेहत के लिए भी बहुत अच्छा होता है। हमारे बुजुर्ग भी हमेशा कहते थे
कि रोज थोड़ी देर धूप में जरूर बैठना चाहिए।
आज विज्ञान भी मानता है कि
सर्दियों में धूप सेंकना सिर्फ आराम नहीं, बल्कि शरीर और दिमाग के लिए
वरदान है।
धूप हमारे शरीर के लिए प्राकृतिक पोषक तत्वों की फैक्ट्री है। जब सूरज की
किरणें त्वचा पर पड़ती हैं, तो शरीर विटामिन-डी बनाने लगता है। यह
हड्डियों, मांसपेशियों और इम्यूनिटी के लिए बेहद जरूरी है। खासकर सर्दियों
में, जब सूरज कम निकलता है, तब इसकी अहमियत और बढ़ जाती है।
आयुर्वेद
में भी धूप का बड़ा महत्व बताया गया है। सर्दियों में कफ और वात दोष बढ़ते
हैं, जिससे शरीर सुस्त और जकड़ा हुआ महसूस करता है। धूप शरीर में गर्मी और
ऊर्जा देती है, जिससे जड़ता, ठंड से होने वाला दर्द और सुस्ती दूर होती है।
सिर्फ 20-30 मिनट की सही धूप कई बार सप्लीमेंट से भी ज्यादा असरदार होती
है। हड्डियां मजबूत होती हैं, जोड़ों का दर्द कम होता है, कैल्शियम का
अवशोषण बेहतर होता है और बच्चों-बुजुर्गों में कमजोरी नहीं बढ़ती।
धूप
से सेरोटोनिन हार्मोन बढ़ता है, मूड बेहतर होता है, तनाव कम होता है और
नींद की गुणवत्ता भी सुधरती है। यही वजह है कि इसे आयुर्वेद मन को प्रसन्न
करने वाली औषधि मानता है।
धूप शरीर में रक्त संचार को सक्रिय करती है, हाथ-पैरों की ठंड और जमेपन में
राहत देती है, इम्यून सेल्स को एक्टिव करती है और सर्दियों के संक्रमणों
से बचाव करती है। सुबह 9:00 से 11:00 बजे तक की धूप सबसे फायदेमंद है। इस
दौरान हल्के कपड़े पहनें और धूप पीठ की तरफ से लें। ध्यान रहे, कांच के
पीछे बैठने से विटामिन-डी नहीं बनता। -आईएएनएस
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