राशियों के अनुसार प्रेम की अनुभूति एवं प्रदर्शन
प्रेम एक ऎसी अनुभूति है जिससे जीवन का कोई रिश्ता अनछुआ नहीं रहता। प्रेम कलकल बहती नदिया के समान है। यह जल की कोमल धारा है जो इसके साथ चला वह प्रेम की गति प्राप्त कर लेता है और जो इसके विरूद्ध चला वह प्रेम पर आक्षेप लगाता दिखाई देता है। शब्दों का मायाजाल बुनकर आप इससे दूर रह सकते हैं परंतु इसके अहसास से कदापि नहीं बच सकते। ज्योतिषशास्त्र में प्रेम, भावनाओं, संवेदनाओं, अहसास, दिल, मन ह्वदय आदि का संबंध चंद्रमा से है। सभी ग्रह मिलकर शरीर रूपी ढाँचा ख़डा कर देते हैं और उस शरीर में भावनाओं का अहसास डालने का काम सिर्फ चंद्रमा करते हैं। मन के आगे शरीर बेबस होता है और तब बुद्धि के रूप में गणेश जी भी साथ नहीं देते हैं। इसी प्रेम के वशीभूत होकर "मीरा" राजपाट छो़डकर दर-दर अपने कान्हा की तलाश में भटकीं। अगर हम प्रेम के मामले में 12 राशियों की बात करें तो हर राशि वाले व्यक्ति की प्रेम की अनुभूति एवं प्रदर्शन एकदम अलग होता है। हर राशि का व्यक्ति अपने गुण, धर्म एवं स्वभाव के अनुसार प्रेम को अपने जीवन में उतारता है। देखें, प्रेम के अलग-अलग रंग, अलग-अलग राशियों के माध्यम से, किस तरह व्यक्तियों पर बिखरते हैं।