6 संकेत जानिये:पति के दिलफेंक स्वभाव के बारे में
इश्क का रोग
जब पति अपनी प्रेमिका की खातिर पत्नी से दूर होने का फैसला मन ही मन कर लेता है तब इश्क का रोग गंभीर रूप ले लेता है। पति तलाक लेने का इच्छुक बन जाएगा या फिर मानसिक व भावनात्मक स्तर पर कैसा भी संबंध पत्नी के साथ कायम रखने में उस की दिलचस्पी नहीं होगी। अब प्रेमिका के अस्तित्व को पत्नी की नजरों से छिपा कर रखने में पति की दिलचस्पी नहीं रहती। गुस्सा उस की नाक पर रहता है और आंखों से छोटी सी बात पर भी नफरत की चिनगारियां बरसने लगेंगी। उसे पत्नी के सुख-दुख से कोई वास्ता नहीं रहता। बेमेल जोडी बन जाने के दुखडे रोने के साथ-साथ वह पत्नी को छुटकारा पाने की धमकी खुलेआम देने लगता है। झगडों के बाद की खामोशी बडी गहरी होती है। पत्नी कोशिश कर के भी उसका ध्यान, प्रेम या सहानुभूति नहीं पा सकती। उसे बारबार महसूस होता है कि मानों उस का ध्यान,प्रेम या सहानुभूति नहीं पा सकती। उसे बारबार महसूस होता है कि मानो उस ने अपने पति को सदा को लिए खो दिया है। उस का रोना,आंसू बहाना, गिड़गिड़ाना पति के अंदर कोई बदलाव नहीं ला पाता है।
पति को लगे इश्क के रोग का इस स्टेज पर इलाज संभव नहीं। पत्नी चाह कर भी दिलों के बीच की खाई को नहीं पाट पाएगी। अब उस का प्यार,उस की सेवा व समर्पण भी पति को चिढाएगा ही।
पति के दूसरी औरत से चल रहे इश्क के बुखार को उतारने के लिए पत्नी को आरंभिक लक्षण पकड में आते ही पूरी ताकत से प्रयास शुरू कर देने चाहिए तभी वह समस्या का समाधान भी पा सकती है। पति आकर्षक व्यक्तित्व के स्वामी हों तो डर कर अकारण ही उन पर शक करने की नासमझी भी न दिखाएं। किसी स्त्री के साथ उन का चक्कर चलने की जानकारी मिले तो बौखला जाना भी ठीक नहीं।