
सर्दियों में घर पर ही उगा सकते हैं ताजा पालक, फॉलो करें ये टिप्स
सर्दियों में घर में ताजा पालक लगाना एक अच्छा उपाय है जो न केवल आपके खाने में ताजगी लाता है, बल्कि यह आपके स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। पालक विटामिन ए, सी, और के से भरपूर होता है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और त्वचा और आंखों के लिए भी फायदेमंद होता है। कुछ हफ्तों में आप अपने घर में ही ताजा पालक उगा सकते हैं और इसका स्वाद और पोषण दोनों का आनंद ले सकते हैं। इससे आपके खाने में भी स्वाद आएगा और स्वास्थ्य भी बना रहेगा।
बीजों का चयन और तैयारी
घर में पालक उगाने के लिए सबसे पहले आपको अच्छे गुणवत्ता वाले पालक के बीजों का चयन करना होगा। आप किसी भी नर्सरी या ऑनलाइन स्टोर से पालक के बीज खरीद सकते हैं। बीजों को रातभर पानी में भिगोकर रखने से अंकुरण की प्रक्रिया तेज होती है। इससे बीज जल्दी और समान रूप से उगते हैं। बीजों को भिगोने से उनकी बाहरी परत नरम हो जाती है, जिससे अंकुरण की दर बढ़ जाती है।
मिट्टी और बर्तन का चयन
पालक उगाने के लिए उपयुक्त मिट्टी का चयन भी बहुत महत्वपूर्ण है। पालक के लिए अच्छी तरह से जल निकासी वाली मिट्टी सबसे अच्छी होती है। आप मिट्टी में कुछ गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट मिलाकर उसकी उर्वरकता बढ़ा सकते हैं। बर्तन का चयन भी महत्वपूर्ण है; पालक के लिए गहराई वाले बर्तनों की आवश्यकता नहीं होती, इसलिए आप किसी भी चौड़े और उथले बर्तन का उपयोग कर सकते हैं। बर्तन में जल निकासी के लिए छेद जरूर होने चाहिए ताकि अतिरिक्त पानी निकल सके और जड़ें सड़ने से बच सकें।
बीजों की बुवाई
बीजों को बुवाई के लिए मिट्टी को अच्छी तरह से तैयार करें और उसमें बीजों को लगभग 1-2 सेंटीमीटर की गहराई पर दबा दें। बीजों को एक-दूसरे से लगभग 2-3 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाएं ताकि पौधों को बढ़ने के लिए पर्याप्त जगह मिल सके। बीज बोने के बाद मिट्टी को हल्के से दबाएं और पानी से सींचें। मिट्टी को नम रखें लेकिन अधिक पानी न दें, क्योंकि अधिक पानी से बीज सड़ सकते हैं।
धूप और पानी की व्यवस्था
पालक के पौधों को अच्छी तरह से बढ़ने के लिए धूप की आवश्यकता होती है। इसलिए, बर्तनों को ऐसी जगह रखें जहाँ उन्हें दिन में कम से कम 4-6 घंटे की धूप मिल सके। पानी की नियमित व्यवस्था भी बहुत जरूरी है। मिट्टी को नम रखें लेकिन जलभराव से बचें। पौधों की वृद्धि के दौरान मिट्टी की नमी का ध्यान रखें और आवश्यकता अनुसार पानी दें।
खाद और देखभाल
पालक के पौधों को उर्वरक देने से उनकी वृद्धि और उत्पादन बढ़ सकता है। आप हर 15 दिनों में एक बार मिट्टी में संतुलित उर्वरक या जैविक खाद डाल सकते हैं। पौधों की नियमित देखभाल करें और आवश्यकता अनुसार निराई-गुड़ाई करते रहें। जब पालक के पत्ते 4-6 इंच के हो जाएं, तो आप उन्हें तोड़कर खाना शुरू कर सकते हैं। इससे पौधे और भी घने और स्वस्थ बने रहेंगे।
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