लिखते-लिखते टेंशन को करें बाय

लिखते-लिखते टेंशन को करें बाय

इस थैरेपी से इंसान को अपने रोजना की फीलिंग्स को री-कलैक्ट करने में मदद मिलती है और वह नेगेटिव थॉट्स से बच जाता है। बाद में जब कभी वे अपनी डायरी को दोबारा पढते है, तो उन्हें अपने आप को संभालने में मदद मिलती है।