घर या ऑफिस की किसी बात पर जब भी आपको गुस्सा आए और आप अपनी बात किसी से ना कह पाएं, तो अपनी भावनाओं को कागज पर उतार दें। जिस तरह मन की बात किसी से कह देने से मन हल्का हो जाता है, उसी तरह अपनी भावनाओं को लिख देने से भी सुकून मिलता है। अत: कुछना कह सकने की स्थिति में अपनी पर्सनल डायरी को अपनी प्रिय सहेली बना लें।