महिलाएं बिछिया पहनने में कभी ना करें ये गलतियां, हो जाएंगी कंगाल जान लीजिए नियम
हिंदू धर्म में विवाहिता महिलाओं के लिए कई तरह के नियम होते हैं जो उनके श्रृंगार से जुड़े होते हैं। वही, आज हम पैरों की बिछिया की बात करेंगे जिसे शादी के बाद पहनना परंपरा माना जाता है। बिछिया सुहाग का प्रतीक होता है और सुहागिन महिलाएं दोनों पैरों के बीच की उंगली में बिछिया पहनती है। महिलाओं के सोलह सिंगार में से एक बिछिया के कई नियम होते हैं इससे जीवन में सौभाग्य का आशीष मिलता है पति की उम्र लंबी होती है सुख शांति बनी रहती है। बिछिया से जुड़े नियमों का पालन न करने से जीवन में कंगाली भी आ जाती है।
ना पहने सोने की बिछिया
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि देखा जाए तो महिलाओं को कभी भी अपने पैरों में सोने की बिछिया नहीं पहननी चाहिए, क्योंकि यह भगवान विष्णु को प्रिय होता है। सोना लक्ष्मी का रूप होता है इसलिए भी इसे पैरों में नहीं पहनना चाहिए। माता लक्ष्मी नाराज हो जाती है और इस तरह से पति को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है। जब भी आप बिछिया बनाए तो चांदी की बिछिया ही पहने।
ऐसी बिछिया न पहनें
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर आप घुंघरू वाली बिछिया पहन रही है, तो ऐसा बिल्कुल ना करें यह अशुभ होती है। महिलाओं को इस तरह की बिछिया बिल्कुल नहीं पहननी चाहिए, जिसे आवाज आती हो इस तरह से घर की उन्नति रुक जाती है।
टूटी हुई बीचियां न पहनें
सुहागिन महिलाओं को टूटी हुई बिछिया बिल्कुल नहीं पहननी चाहिए यह पति के लिए अपशगुन मानी जाती है। इसका प्रभाव पति के करियर और आर्थिक स्थिति पर पड़ता है।
दूसरों को न दें
इस नियम का हमेशा ध्यान रखें कि अपने पैरों से उतरी हुई बिछिया कभी किसी दूसरी महिला को उपहार में बिल्कुल ना दें। बिछिया को सुहाग की निशानी माना जाता है इसलिए इसपर उस स्त्री का हक होता है जिसके पास शुरू से यह था।
#गोरापन पल भर में...अब आपके हाथों में