वीमेन फोरम महिलाओं के बिज़नेस नेटवर्किंग और प्रोफेशनल वीमेन रोल मॉडल की कमी को कर सकता है पूरा -नेहा गुप्ता, अध्यक्ष फोर्टी विमन विंग
कनिष्का विजय
जयपुर | सालों से पुरुषों के अधीन रहे बिज़नेस और कॉपोर्रेट कल्चर में आज महिलाओं को एक साथ आगे आकर अपना स्थान बनाने की जरुरत है। जहां आज लगभग 90 प्रतिशत पुरुषों में सिर्फ 15 प्रितशत महिलाएं जॉब या किसी तरह के व्यवसाय से जुड़ी है, वहीं इस आंकड़े को बढ़ाने के लिए जरुरी है कि मौजूदा महिला संगठनों से जुड़ कर एक दूसरे को आगे बढ़ने की दिशा दिखाई जाए। ये कहना था फेडरेशन ऑफ़ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज की महिला विंग की प्रेजिडेंट नेहा गुप्ता का।महिला उद्यमियों को बेहतर प्लेटफॉर्म देने हेतु संचालित संस्था फोर्टी विमेंस विंग अध्यक्ष नेहा गुप्ता ने वर्तमान समय और परिस्थितियों को महिला उधमियों के लिए अनुकूल बताया है। फोर्टी वीमेन विंग के द्वारा आज नेहा जयपुर में मौजूद महिलाओं के साथ कदम मिला कर आगे बढ़ने का प्रयत्न कर रही है। ऐसे में वे फोरम से जुड़ी सभी महिलाओं को हर तरह का एक्सपोज़र प्रदान करने की कोशिश कर रही है।
ज़रूरी है कि सभी महिलाएं एक मंच से जुड़े -
अपनी बात को समझाते हुए नेहा कहती हैं कि ज्यादातर महिलाएं आज घरों में से अपना स्टार्टअप चलाने की कोशिश कर रही है। मगर आज उन्हें अपने छोटे व्यवसाय को आगे बढ़ाने का मार्ग नहीं पता। जिसे देखते हुए आज शहर में कई महिला फ़ोरम्स तैयार किए जा चुके है। महिलाओं के लिए ज़रूरी है कि वे इस तरह के फ़ोरम से जुड़ कर अपने स्टाटर्अप या स्मॉल बिज़नेस को आगे बढ़ाने का सही रास्ता समझे। महिलाएं आज अपने रोज़- मर्रा के जीवन में इतना समय नहीं निकाल पाती कि वे किसी भी ग्रूप्स का हिस्सा बन सके। समय बदल रहा है, परिस्थितिया बदल रही है, सोच बदल रही है, महिलाओं में जागरूकता बढ़ रही है और नई उमंग का संचार हो रहा है और वे घर के चूल्हे चौके में न सिमटकर आगे निकलकर आ रही है और उधमशीलता क्षमता में कई क्षेत्रों में स्वयं अपनी पहचान बना रही हैं। हम फोर्टी द्वारा कुछ ऐसा ही एक मंच प्रदान करने की कोशिश कर रहे है जिसके लिए सभी फीमेल्स अपनी समस्यों को खुल कर बता सके, अपने बिज़नेस का बढ़ावा दे सके। वर्तमान समय में केंद्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा मिलकर विभिन्न स्कीमों के तहत महिला उद्यमियों के प्रोत्साहन हेतु सब्सिडी/रियायतों दरों पर लोन, निशुक्ल कोर्सेज, ट्रेनिंग व अन्य कई कार्यक्रमों का संचालन लगातार किया जा रहा है, परन्तु कहीं भी महिलाओं के लिए सिंगल विंडो सिस्टम नहीं है, ना ही उनके लिए कोलेट्रल फ्री लोन की सुविधा है। प्रत्येक स्थान पर कहीं ना कहीं अपने पति या सहयोगी की मौजूदगी को दिखाना पड़ता है। अपने द्वारा कुछ करने की पूर्णतया आजादी प्राप्त नहीं है, इसलिए सरकार को महिलाओं के लिए एक ईकोसिस्टम, एक माहौल व एक पॉजिटिव वातावरण तैयार करना होगा ताकि महिला उद्यमी निःसंकोच आगे बढ़ सके ।
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