30 की उम्र में हो सकती है महिलाओं को ये बीमारियां, ऐसे रखें अपना ख्याल

30 की उम्र में हो सकती है महिलाओं को ये बीमारियां, ऐसे रखें अपना ख्याल

बढ़ती उम्र में हम सभी को अपनी सेहत का खास ख्याल रखने की जरूरत है। लेकिन आजकल के व्यस्त जीवन में अक्सर हम अपनी सेहत को नजरअंदाज कर  देते हैं, खासतौर पर महिलाएं। 30 की उम्र में अक्सर महिलाओं में हार्मोनल बदलाव होते है, जिनपर सही समय पर ध्यान ना देने या देखरेख ना करने से यही बदलाव बड़ी समस्या या लाईलाज बीमारियों में भी बदल सकती है। आज हम उन्हीं बीमारियों के बारे में बात करेंगे।  जैसे कि 
1 . इनफर्टिलिटी - 30 की उम्र या इस उम्र को पार करते ही महिलाओं को इनफर्टिलिटी की समस्या होने लगती है। इससे बचने के लिए समय पर फैमिली प्लानिंग करना एक उपाय हो सकता है लेकिन अगर ऐसा न हो पाए तब भी सही खानपान और लाइफस्टाइल को  बैलेंस करके भी महिलाएं इस समस्या से बच सकती है। साथ ही इस स्थिति में उन्हें शराब और धूम्रपान से दूर रहना चाहिए।  
2. डायबिटीज का खतरा - शुगर या डायबिटीज कई बार अनुवांशिक तो कई बार ख़राब जीवनशैली का भी नतीजा हो सकता है। अगर समय पर इस पर ध्यान न दिया जाए तो महिलाएं गर्भाशय ट्यूब में समस्या के साथ ही यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) से भी ग्रसित हो सकती है। इस समस्या से बचने के लिए सही खानपान, बढ़ते वजन जो कंट्रोल करना और फिजिकल एक्टिविटी करना। 
3. पीसीओडी या पीसीओएस - पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजिज के कारण महिलाओं में पुरुष हार्मोन बढ़ने लगते है। जिसके कारण महिलाओं में पीरियड्स का अनियमित होना, हार्मोनल डिसबैलेंस के कारण चेहरे और शरीर पर बाल आना, पिंपल्स जैसी समस्याएं हो सकती है।  साथ ही मूड स्विंग्स, एंजाइटी और प्रेग्नेंसी में कठिनाइयां आना जैसी लक्षण भी हो सकते है।  इस बीमारी में नियमित एक्सरसाइज करना, पौष्टिक आहार लेना बहुत ही जरुरी होता है।  
4. फाइब्रॉइड - यह एक किस्म की गांठ होती है जो कि गर्भाशय में होती है।  30 से 50 की उम्र की महिलाओं में यह समस्या होने की आशंका बनी रहती है।  अगर आपको पेट के निचले हिस्से में अक्सर दर्द रहता होतो समय पर डॉक्टर से इसकी जांच जरूर करवा लें।  

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