पत्नियों में होती हैं शक की बीमारी...
शक की बीमारी एक ऎसी बीमारी है जिसका ईलाज किसी भी चिकित्सक के पास नहीं है। शक के कारण जाने कितने परिवार तबाह होत हैं। दांपत्य जीवन विश्वास की बुनियाद पर टिका होता है। पे्रम, आपसी समझ और भरोसे के सहारे गृहस्थी की गाडी चलती है। यदि अच्छी पत्नी बिना बात के पति पर शक करने लग जाए तो दांपत्य की धुरी टूट कर बिखर जाती है। पत्नी कितनी भी सुंदर, सफल और कुशल महिला हो लेकिन उनका संदिग्ध नजरिया पति का जीना दुश्वार कर देता है और नौबत तलाक तक पहुंच जाती है। क्यो करती हैं पत्नी शक पत्नी का पजेसिव होना शक का सबसे बडा कारण है। अक्सर इंसान जिसे प्यार करता है, उस पर पूरा अधिकार समझता है। कभी कभी इसी तरह की मानसिकता संबंधों में कडवाहट भर देती है। पत्नियों का अपने पति के प्रति पजेसिव होना इसका एक कारण है।
पत्नी चाहती है कि उसका पति सिर्फ उसी की तरफ देखे और उसी से बात करे। किसी और लडकी या महिहला से उसके पति का बात करना उसे बिल्कुल पसंद नहीं होता। यदि पति काफी हंैडसम और फे यर है और पत्नी औसत है तो वह हीनभावना की शिकार हो जाती है। उसके मन में असुरक्षा की भावना घर कर लेती है। इसलिए जब उसका पति किसी और महिला से आफिशियल कारण से भी बात करता है तो वह शक की नजरों से देखने लगती है। उसे भय रहता है कि पति कहीं किसी और स्त्री के प्रति आकर्षित न हो जाए। ऎसी पत्नियां टेंशन में जीती हैं और घर का माहौल बिगड जाता है।
कई बार रिश्तेदारों की बातों में आकर भी पत्नियां अपने पति पर शक करने लगती हैं। रंजिश निकालने के लिए रिश्तेदार या महिलाएं पत्नी के कान भर देती है और पत्नी के दिमाग में शक बा बीज बो देती हैं। अपने पति पर विश्वास न करके वह अपने रिश्तेदारों की बातों पर ज्यादा विश्वास करने लगती है और परिवार में बिना बात झगडे का माहौल हो जाता है। क्या करें पति कहते हैं खाली दिमाग शैतान का घर होता है।
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