रात में काम करने से क्यों घबरा ती हैं महिलाएं!

रात में काम करने से क्यों घबरा ती हैं महिलाएं!

चाहे युवती हो या महिला घर की दहलीज से बाहर ले जाने के योजनाबध्द प्रयासों में पुरूष समाज का बहूमल्य योगदान रहा है और इन्हीं प्रयासों के परिणामस्वरूप आज की नारी पुरूषों के समान अधिकार सम्पन्न हैं। परन्तु समान अधिकार देकर भी पुरूष प्रधान समाज आज भी नारी को अपने समान समझने में हिचकिचाता है। फिर पुरूषों पर सारा दोष क्यों आरोपित हो। अगर नारी को दिए गए अधिकारों को ही मापदण्ड मान लिया जाए तो यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि आधुनिक नारी अधिकार सम्पन्न है। कुछ क्षेत्रों में तो पुरूषों से भी अधिक अधिकार प्राप्त हुए हैं फिर पुरूषों के समान नाइट ड्यूटी करने में उसे क्या आपत्ति हैं।